517
Villages
136531
People
26452
Family
8
Districts
हमारा यह मानना है कि लोग विकास कार्यक्रमों का समुचित लाभ नहीं उठा पा रहे हैं क्योंकि संचार साधनों एवं लोगों में जानकारी का अभाव, सरकारी विभागों की दूर दराज के क्षेत्रों में सुलभता एवं कार्यक्रमों की पहुंच जैसे घटक इस स्थिति को बदलने नहीं दे रहे हैं जिसके चलते लोगों में भी इस स्थिति को बदलने के प्रति न तो कोई सोच दिख रही है न इस पर कोई मन्थन। इस परिदृश्य को बदलने की गम्भीर आवश्यकता को समझते हुए संस्था ने ’’जाग-रे-पहाड़’’ अभियान के साथ इस दिशा में काम शुुरू किया। काम की शुरूआत महिलाओं के साथ व्यवहारिक साक्षरता कार्यक्रम के साथ हुई। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारा मानना है कि एक जानकार एवं जागरूक व्यक्ति ही परिवर्तन की मांग करता है, सामाजिक परिवर्तन के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा बनता है और अपने परिवेश में उसकी शुरूआत करता है। क्यो कि महिलाएं ग्रामीण पहाड़ी अंचल की रीढ़ हैं अतः उन्हें समझना-समझाना और साथ लेकर चलना न केवल व्यवहारिक रूप से बल्कि रणनीतिक रूप से भी समय की मांग है। संस्था ने शुरू से ही महिलाओं को विकास कार्यो में केन्द्रीय स्थान दिया है जिसके परिणाम स्वरूप आज ये महिलाएं अपने-अपने क्षेत्र के विकास कार्यों में निर्णय-कर्ता की भूमिका बखूबी निभा रही हैं। लोगों द्वारा निभाई जा रही भूमिकायें व रूचियां भी निरन्तर बनी रहे, साथ ही किए जा रहे कार्यों का रखरखाव व प्रबन्धन स्वयं करे इसके लिये विभिन्न कार्यो में समुदाय से अंशदान श्रमदान लिए जाने का आयाम जोड़ा गया है।
संस्था लोगों को पूर्ण उत्तरदायित्व देते हुए समानता, पारदर्शिता, जबाबदेही, सहभागिता, जनतांत्रिक निर्णय प्रक्रिया के मूल्यों के साथ कार्य कर रही है। संस्था द्वारा परम्परागत ज्ञान और कौशल को भी पर्याप्त सम्मान और महत्व देने की नीति अपनायी गयी है।
The idea of the science outreach programme is to make the students of high school and intermediate colleges aware of the new dimensions of science and of the many opportunities that beckon those who pursue science.