संस्था का यह प्रयास हमेशा रहा है कि समुदाय के अन्तिम छोर के व्यक्ति तक जागरूकता में वृद्धि हो, वे भी विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में भागीदारी कर विकास प्रक्रिया में जुड़ सके। संस्था अपने कार्यक्रमों में तो समुदाय को जोड़ती ही हैं, वहीं प्रयास यह भी रहता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी हर व्यक्ति को मिल सकें। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए संस्था द्वारा रेखीय विभागों से समन्वय स्थापित कर अपने कार्यक्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया हैं। इनमें जागरूकता से लेकर निर्माण कार्य तक सभी प्रकार की गतिविधियाँ शामिल रहती है। रेखीय विभागों के अधिकारियों/ कर्मचारियों को समुदाय के साथ सीधा सम्पर्क बनाने का प्रयास संस्था द्वारा किया जाता है।
संस्था सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा समय-समय पर चलाई जा रही योजनाओं-परियोजनाओ के बारे में ग्राम वासियों का ना सिर्फ सही जानकारी देना बल्कि इन विभागों के साथ समन्वय स्थापित करके कार्यक्रमों तक ग्राम वासियो की पहुंच को सुनिश्चित कराती है।
जिला ग्राम विकास अभिकरण, समाज कल्याण विभाग, पशुपालन विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, विकास खंड कार्यालय, तहसील कार्यालय, कृषि विभाग, उद्यान विभाग आदि सरकारी विभागों एवं कार्यालयों से समन्यवय स्थापित करके क्षेत्र के ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने का काम करती रहती है।
उदहारण के लिए विकासखण्ड बेरीनाग के राईगढस्यारी कलस्टर में मनरेगा से राईआगर के भीड़ा व पीपली के लमसैण प्लाट में चार-चार हेक्टेयर क्षेत्र में और विकासखण्ड गंगोलीहाट के ग्राम झलतोला में 3 हेक्टेयर क्षेत्र मे दीवारबन्दी का कार्य किया गया। संस्था ने बडेना व रौतेड़ा ग्रामों में भी तीन-तीन हेक्टेयर क्षेत्र में चारा प्लाटों में दीवारबंदी करने हेतु स्वीकृति प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की। इसी तरह गंगोलीहाट के टिम्टा, रौतेड़ा, अस्कोड़ा, बडेना, चाख, कनौरा, दोतरी व चौना ग्रामों में 25 बकरी पालकों के यहां बकरी आश्रय निर्माण की स्वीकृति करवाई गयी।
पशुपालन विभाग के सहयोग से मुनस्यारी के नाचनी, भैंसखाल, धामी-फल्याटी, हुपली व कोट्यूड़ा ग्रामों में ग्राम्या परियोजना से 5 पशु आश्रय निर्मित करने के साथ ही ग्राम भैसखाल, रसियॉबगड, नाचनी, धामी-फल्याटी, हुपली, तल्ला भैसकोट मे 11 उन्नत नस्ल की गाय दिलवायी गयी। तल्ला भैंसकोट, हुपली, कोट्यूडा व नाचनी ग्रामों मे 4 परिवारो को 40 बकरी व 9 परिवारो को एक-2 ठनबा (बकरा सांड) पशुपालन विभाग द्वारा दिलवाये गये।
समय-समय पर पशुओं के रखरखाव एवं बेहतर खान पान की जानकारी देने के उद्देश्य से ग्रामीण इलाको में विभाग के सहयोग से पशुस्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों में उन्नत पशुओं के पालन एवं पशुओं के उचित खान पान व रखरखाव पर जानकारी देने के साथ साथ दवाओं का भी वितरण किया जाता है।विभाग के सहयोग से ग्रामीणों के दुधारू पशुओं का बीमा करवाने में भी मदद की जाती है।
प्रधानमंत्री बीमा योजना के बीमा कैंप लगा कर प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत कृषि विभाग के सहयोग से फसल बीमा कैंप का आयोजन किया जाता है। जिससे सूखा पड़ने या भूमि कटाव से फसल को नुकसान होने पर किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।
संस्था लगातार इस बात के लिए प्रयासरत रहती है कि सरकारी विभागों द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओ की सही जानकारी क्षेत्र के ग्रामीणों को समय पर मिलती रहे ताकि उनको योजनाओ का उचित लाभ मिल सके।
अनुश्रवण एवं मूल्यांकन
संस्था द्वारा संचालित कार्यक्रमों के अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु ग्रामों में प्रत्येक माह निर्धारित तिथियों को आम बैठकों का आयोजन किया जाता है। जिसमें कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की समीक्षा की जाती है। इसके अलावा समय-समय पर प्रशासन एवं जन-प्रतिनिधियों तथा मीडिया के लोगों द्वारा भी कार्यों का अनुश्रवण किया गया।